राज्य सरकार द्वारा घोषित नये प्रतिबंध उचित एवं स्वागत-योग्य हैं। वैसे, उपयुक्त और सुरक्षित व्यवहार अब तक ओमाइक्रोन के खिलाफ लड़ाई में हमारे सबसे विश्वसनीय हथियार हैं।
पिछले सप्ताह झारखंड में कोरोना से संक्रमण के मामलों में सहसा हुई वृद्धि को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार द्वारा घोषित प्रतिबंध स्वागतयोग्य कदम हैं। ये प्रतिबंध अपेक्षित थे और राज्य सरकार की दूरदर्शिता और चपलता को दर्शाते हैं।
महामारी की गंभीरता और अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के दौरान सरकार एवं प्रशासन द्वारा अर्जित अनुभव निश्चित रूप से आने वाले समय में हमारे लिए उपयोगी साबित होंगे।
यद्यपि सभी संकेत ओमाइक्रोन वेरिएंट के कारण होने वाली बीमारी की गंभीरता में कमी की ओर इशारा करते हैं, ये तथ्य कि नया वेरिएंट तीन गुना गति से फैलता है और हमारी अपनी परिस्थितियाँ अलग हैं तथा हमारी आबादी घनी है, चिंता के कारण हैं।
हमारी विशेष सामाजिक परिस्थितियाँ इसे एक घातक चुनौती बना सकती हैं। पिछले डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम ख़तरनाक होने के बावजूद, इसकी वजह से हमारी चिकित्सा व्यवस्था एवं प्रणालियों पर भारी दबाव पड़ने की आशंका है।
वैसे, विशेषज्ञों का कहना है कि ओमाइक्रोन वेरिएंट कोविड-19 के पिछले वेरिएंट की तुलना में कम ख़तरनाक है। विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि यह वेरिएंट पिछले वेरिएंट की तरह आसानी से फेफड़ों को संक्रमित नहीं करता।
आँकड़ों से यह संकेत मिलता है कि यह वेरिएंट पिछले वेरिएंट की अपेक्षा ज़्यादा तेज़ गति से फैलता है और ज़्यादा संक्रामक है। इसका कारण यह हो सकता है कि यह ऊपरी श्वास नली में ही ज़्यादा रिप्लीकेट करता है। हालांकि, यह भी संभव है कि इसकी वजह से यह कम ख़तरनाक साबित हो।
अधिकांश विशेषज्ञों को उम्मीद है कि दुनिया भर के अधिकांश देशों में मामलों की उच्च संख्या के बावजूद, दो कारक – त्वरित संचरण क्षमता और कम गंभीर संक्रमण – इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में मानवता के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।
हाल के एक अध्ययन से पता चला है कि टीका लगवा चुके लोगों में इसके ख़िलाफ़ प्रतिरोधी क्षमता अन्य वेरिएंट की तुलना में ज़्यादा होती है।
भारत, और झारखंड ने भी, टीकाकरण के मोर्चे पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उम्मीद है कि विशेषज्ञों का अनुमान सच होगा और नई चुनौतियां पैदा करने की बजाय ओमाइक्रोन वास्तव में इस बीमारी के अंत की शुरुआत साबित होगा।
इस तथ्य के बावजूद कि ओमाइक्रोन वेरिएंट उतना ख़तरनाक नहीं है, उच्च संचरण गति का अर्थ यह है कि नये मामलों की संख्या काफ़ी तेज़ी से बढ़ सकती है। इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होनेवाले गंभीर मरीज़ों की संख्या भी काफ़ी बढ़ सकती है।
इस चुनौती से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त और पूरी तरह से तैयार रखना तथा नये संक्रमणों की संख्या को नियंत्रण में रखना आवश्यक है।
इसे ध्यान में रखते हुए ही राज्य सरकार ने नये प्रतिबंध घोषित किये हैं और इनका स्वागत किया जाना चाहिए।
हालाँकि, ये उपाय कितने सफल साबित होते हैं, यह अंततः इस बात पर निर्भर करेगा कि नये संक्रमणों को नियंत्रण में रखने के लिए हम आम नागरिक कैसे व्यवहार करते हैं और राज्य सरकार के नये कदमों पर कैसी प्रतिक्रिया दर्शाते हैं।
टीकाकरण के अलावा कोविड-उचित व्यवहार और मास्क पहनना अब भी हमारे लिए सबसे अच्छी रक्षात्मक ढाल हैं।