जमशेदपुर: श्री रामनवमी का त्यौहार वैसे तो पूरे झारखंड में अपूर्व उल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जाता है लेकिन जमशेदपुर में इसकी भव्यता एवं दिव्यता देखते ही बनती है. कॉस्मापॉलिटन कल्चर वाले इस शहर में रामनवमी लोक उत्सव के रूप में एक धार्मिक ब्रांड बन चुका है. इस साल 23 मार्च गुरुवार को रामनवमी मनाई जाएगी लेकिन करीब एक हफ्ता पहले से ही जमशेदपुर पूरी तरह से राम में हो चुका है. सड़कें महावीरी भगवा झंडे से पट चुकी है. चारों तरफ भक्ति संगीत बज रहे हैं, बाजारों में रौनक है .खरीदारों की भीड़ है लोगों में उत्साह है और प्रशासन भी कानून व्यवस्था को पटरी पर बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार है.
शहर में 180 लाइसेंसी रामनवमी अखाड़े हैं जो पूरे ही भक्ति भाव और उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं इस दौरान इनके द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है जिसे अखबारी भाषा में रामनवमी जुलूस भी कह जाता है.

शहर में अखाड़ा संस्कृति की नींव रखने वाले और शोभायात्रा का शुभारंभ कराने में अहम भूमिका निभाने वाले भालुबासा के जंबू अखाड़ा की शोभायात्रा निकल चुकी है.इस साल भी या अपनी भव्यता दिव्यता और विराटता के जरिए लोगों का ध्यान खींच रही थी.इसे देखने के लिए शहर के हर इलाके से लोग पहुंचते हैं.
शहर का दूसरा प्रमुख अखाड़ा काशीडीह का प्यारा सिंह धुरंधर सिंह अखाड़ा गुरुवार को आपने शोभा यात्रा निकालेगा इसकी शोभायात्रा भी दर्शनीय होती है.
उधर रामनवमी पर तमाम बड़े और छोटे मंदिरों को खास तौर पर सजाया गया है. आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है. कहीं रामायण का पाठ किया जा रहा तो कहीं सुंदरकांड का. रामनवमी के दिन हजारों की संख्या में भक्तों मंदिरों में पहुंचते हैं लिहाजा भीड़ को व्यवस्थित रखने के लिए भी मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं.