जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में 12 से चल रही श्रीराम कथा में सूरत (गुजरात) से आए प्रख्यात कथावाचक सतश्री ने छठवें दिन शुक्रवार को किष्किंधाकांड का प्रसंग सुनाया.
सतश्री ने कहा कि बहुत से लोग दुख में ही भगवान को याद करते हैं, अच्छे दिन में भूल जाते है. भगवान को अच्छे या सुख के दिनों में भी याद रखोगे, तो कष्ट के दिन नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि आजकल परिवार में भी देखा गया है कि धन-धान्य से संपन्न लोग अपने-अपने शौक में व्यस्त रहते हैं. लंबे समय तक इसकी आदत पडऩे से परिवार बिखरने लगता है. आजकल मोबाइल में लोग जितना व्यस्त रहते हैं, यदि उसका आधा समय भी परिवार को देंगे तो बहुत लाभ होगा.

इससे पहले सतश्री ने गुरुवार को अरण्यकांड का स्मरण करते हुए कहा कि रामायण हमें अच्छे-बुरे व्यक्ति को पहचानने का तरीका भी बताता है. सूर्पणखा राक्षसी थी, लेकिन वह सुंदरी बनकर आई थी. वहीं रावण राक्षस था, लेकिन वह संन्यासी के वेश में सीता का हरण करने आया था. इसी तरह आज के युग में भी कई लोग अच्छा दिखने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे दिल से अच्छे नहीं होते हैं. रामायण बताता है कि ऐसे लोगों को पहचानना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि साथ रहने वाले लोग भी अच्छे और बुरे व्यक्ति को नहीं पहचान पाते हैं. जब तक आप पहचानते हैं, तब तक वह आपको चूना लगाकर निकल जाता है. ऐसे लोगों को मेरी सलाह है कि अच्छा दिखने की कोशिश मत करो, अच्छा बनने का प्रयास करो. अच्छा दिखने से आपको कोई लाभ नहीं होने वाला है, अच्छा होने से लाभ अवश्य होगा.
मंत्री बन्ना गुप्ता भी पहुंचे कथा का श्रवण करने
कथा श्रवण करने वालों में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, शंभू सिंह, सीताराम अग्रवाल, उमेश शाह, मुरलीधर केडिया, सुरेश कावंटिया, हरिशंकर सोंथालिया, सुरेश सोंथालिया, राजेश चावडा, दिनेश सोंथालिया, किशन सोंथालिया, महेश सोंथालिया, विपिन भाई आडेसरा, आनंद चौधरी, दिलीप गोयल, बीएन शर्मा, जयेश अमीन, भरत वसानी, पवन शर्मा, अनिल चौधरी, संजय शर्मा राहुल चौधरी आदि शामिल थे.