– श्रीराम कथा में कथावाचक ने कहा, भगवान रामचंद्र संघर्ष से ही बने मर्यादा पुरुषोत्तम
जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में 12 से 18 मार्च तक चल रही श्रीराम कथा में सूरत (गुजरात) से आए परम पूज्य सतश्री ने कथा के चौथे दिन बुधवार को राम वनवास का प्रसंग सुनाया.
इसी क्रम में संतश्री ने कहा कि भगवान रामचंद्र का जीवन हमें सिखाता है कि दुख भी धैर्य नहीं खोना चाहिए. कई लोग तनाव में आकर व्यसन आदि करने लगते हैं. कुछ तो आत्महत्या कर लेते हैं, जो महापाप है. ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए, धैर्य रखें, संघर्ष करें तो दुख कुछ दिनों में ही दूर हो जाएगा. इसके बाद अपार सुख मिलेगा. संघर्ष करके ही कोई व्यक्ति महान बनता है. रामचंद्र का जीवन भी इसीलिए याद किया जाता है, क्योंकि वह दुखों की चिंता किए बिना संघर्ष करके मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए.
कथावाचक ने कहा कि भगवान राम को वनवास माता कैकेयी की वजह से मिला. कैकेयी अच्छी थीं, लेकिन वह मंथरा की संगति में आकर बुरी बन गईं.इसलिए कभी भी गलत या बुरे लोगों की संगति नहीं करनी चाहिए। काजल की कोठरी से कोई भी बिना दाग लगे नहीं निकल सकता.कई लोग यह सोचते हैं कि पैसे से सुख होता है, इसलिए वे धन कमाने के लिए बुरे कर्म करने लगते हैं. उन्हें नहीं मालूम होता कि वह दुखों का मार्ग चुन रहे हैं. क्षणिक सुख के लिए कुमार्ग पर नहीं जाना चाहिए.
कथा श्रवण करने वालों में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष. दिनेशानंद गोस्वामी, संदीप मुरारका, हरिशंकर सोंथालिया, सुरेश सोंथालिया, राजेश चावडा, दिनेश सोंथालिया, किशन सोन्थालिया, महेश सोन्थालिया, विपिन भाई आडेसरा, आनंद चौधरी, दिलीप गोयल, बीएन शर्मा, जयेश अमीन, भरत वसानी, पवन शर्मा, अनिल चौधरी, संजय शर्मा राहुल चौधरी आदि उपस्थित थे.
यूट्यूब पर भी उठा सकते कथा का आनंद
बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में सतश्री की राम कथा प्रतिदिन संध्या चार बजे से प्रारंभ. जो श्रद्धालु किसी कारणवश नहीं आ सकते वे यूट्यूब चैनल ‘सतश्री हिंदी’ पर कथा का जीवंत प्रसारण देख व सुन सकते हैं.
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