जमशेदपुर: मानगो के उलीडीह थाना क्षेत्र के ओल्ड सुभाष कॉलोनी में रियल स्टेट व स्क्रैप कारोबारी अमरनाथ सिंह का शव घर में मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है घटना के 30 घंटे बीत जाने के बाद भी लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा कि सिंह की मौत कैसे हुई? क्या वास्तव में उनकी पत्नी मीरा सिंह ने ही हत्या की है या मौत का कारण कुछ और है? मीरा सिंह पुलिस हिरासत में हैं और पुलिस पूरी गहराई के साथ एक कड़ी को जोड़कर पूरे मामले का राज जानने का प्रयास कर रही है.
बताया जाता है कि अमरनाथ सिंह पहले मांगों के ही मुंह सिटी में रहा करते थे. कुछ साल पहले धंधा में मंदी आ जाने के कारण सुभाष कॉलोनी स्थित अपने मकान में रहने लगे थे.
1 दिन पहले यानी गुरुवार की रात को उनके घर से बदबू आने लगी स्थानीय लोगों को शक हुआ और दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया जब दरवाजा नहीं खुला तब पुणे में रहने वाले अमरनाथ सिंह के बेटे को सूचना दी गई बेटे ने पुलिस को सूचना दी इसके बाद पुलिस पहुंची तब अमरनाथ सिंह की पत्नी मीरा सिंह का नया वआक्रामक रूप लोगों ने देखा चिल्ला चिल्ला कर बोलने लगी कि हां, हमने ही अमरनाथ सिंह की हत्या कर दी है. अपने पति को मार दिया है लेकिन घर में किसी को घुसने नहीं देंगे. मीरा सिंह को देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. फिर भी पुलिस ने जुगाड़ लगाकर स्थानीय लोगों के साथ घर के अंदर प्रवेश किया और लोगों ने शव की एक झलक देख ली.
इस बीच मीरा सिंह ज्यादा आक्रोशित हो गई. जिसके बाद घर के बाहर बिजली से करंट फैला दिया, जिससे कोई भी घर के अंदर ना प्रवेश कर सके. महिला ने देर रात तक घर में ड्रामा किया. कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस छत पर पहुंची और आरोपी महिला को हिरासत में लिया. जिसके बाद उसे उलीडीह थाना ले जाया गया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पति-पत्नी के बीच अकसर विवाद होता रहता था. घर के अंदर का हंगामा बाहर भी सुनाई देता था. वहीं बताया जा रहा है कि पत्नी मानसिक रूप से बीमार थी. जब पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला कि अमरनाथ पिछले 26 तारीख के बाद से दिखाई नहीं दे रहे थे.
स्थानीय लोगों से पता चला कि अमरनाथ सिंह का रियल स्टेट और स्क्रैप का कारोबार था. इसके अलावा बोकारो में भी एक कंपनी थी. घर होने के बावजूद दोनों पति-पत्नी मून सिटी में फ्लैट लेकर रहते थे. चार साल से कारोबार में घाटा हो रहा था, जिसकी वजह से दोनों वापस से घर में शिफ्ट हो गए थे. लोगों ने अमरनाथ को आखिरी बार 26 फरवरी को देखा था, उसके बाद से वह नजर नहीं आए. संभवत: 27 फरवरी को ही उनकी हत्या कर दी गई .
सूचना मिलते ही परिवार के लोग रांची से जमशेदपुर पहुंचे. वहीं, अमरनाथ सिंह के छोटे भाई भी सुबह रांची से जमशेदपुर पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने कहा कि भैया और भाभी के साथ इतना समय नहीं बिताया है. मगर इस तरह की घटना हो गई, यह जांच की बात है. हालांकि भाभी की तबीयत ठीक नहीं रहती थी. मगर इस तरह की घटना को अंजाम देना मुमकिन नहीं था .