प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री पर अलग राय रखने पर कांग्रेसी नेता अनिल एंटोनी को पार्टी छोड़ने पर होना पड़ा बाध्य!

सोनाली मिश्रा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा में नफरत के बाजार में मोहब्बत के फूल खिलाने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने भारतीय सेना पर दिग्विजय सिंह के बयान को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताते हुए स्वयं उस बयान से किनारा किया था। और कहा था कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक दल है और इस कारण यहाँ पर विचारों में विविधता हो सकती है।

Times Now’s Pradeep Dutta confronts Rahul Gandhi with pointed question. What stops u from taking action against habitual offender Digvijay Singh? How many times Congress will distance itself & then provide SurakshaKavach to netas who question valour of surakshabal? Watch & Share pic.twitter.com/RiVHIiMrMX

— Pradeep Dutta (@deepduttajourno) January 24, 2023

यहाँ पर राहुल गांधी विचारों की विविधता बताते हुए दिल बड़ा करते हुए लोकतान्त्रिक बताते हैं। परन्तु जब दिग्विजय सिंह को वह क्लीन चिट दे रहे थे तो उसी समय उन्हीं की पार्टी के एक और नेता उस नफरत का शिकार हूँ रहे थे, जो नफरत उनकी पार्टी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है।

दरअसल भारत का विपक्ष इन दिनों प्रधानमंत्री मोदी को उस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से घेरने की योजना बना रहा है, जिसमें गुजरात दंगों को लेकर कुछ कहा गया है। इस पर समूचा विपक्ष हमलावर हैं, जबकि यह रिपोर्ट पूरी तरह से उस समस्त न्यायिक प्रक्रिया पर प्रश्न उठाती है, जिसका सामना नरेंद्र मोदी ने वर्षों तक किया है। एवं उन्हें माननीय न्यायालय द्वारा ही क्लीन चिट प्रदान की गयी है, परन्तु फिर भी एक बहुत बड़ा वर्ग है जो लगातार चाहता है कि वह मामला जिंदा रहे और वह प्रधानमंत्री मोदी के बहाने हिन्दुओं को असहिष्णु ठहराते रहें।

फिर भी कुछ ऐसी समझदारी भरी आवाजें हैं, जो विपक्ष में रहते हुए भी भारत की संप्रभुता की बात करती हैं और जो इस रिपोर्ट को देश के भीतरी मामलों में हस्तक्षेप बताती हैं। दुर्भाग्य से इन आवाजों को उन्हीं की पार्टी के लोगों द्वारा उन नफरतों का सामना करना पड़ता है, जो लगातार नफरत के माहौल में मोहब्बत के फूल खिला रहे हैं।

ऐसे ही एक नेता है कांग्रेस के अनिल के एंटोनी। उन्होनें ट्वीट किया कि भारतीय जनता पार्टी के साथ तमाम मतभेदों के बावज़ूद, वह बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का समर्थन नहीं करते हैं क्योंकि वह एक राज्य द्वारा प्रायोजित चैनल है और जैक स्ट्रॉ जो ईराक के युद्ध के पीछे का चेहरा रहा है, उनका समर्थन नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे हमारी संप्रभुता को नुकसान होगा।

Despite large differences with BJP, I think those in 🇮🇳 placing views of BBC, a 🇬🇧 state sponsored channel with a long history of 🇮🇳 prejudices,and of Jack Straw, the brain behind the Iraq war, over 🇮🇳 institutions is setting a dangerous precedence,will undermine our sovereignty.

— Anil K Antony (@anilkantony) January 24, 2023

इसके साथ उन्होनें यह भी कहा कि आखिर वह देश जिसने हमें 200 वर्षों तक गुलाम बनाकर रखा, वह हमारे मतभेदों का लाभ उठाए और हमें विभाजित करे? यह मुझे बेचैन कर रहा है और मेरे वह वरिष्ठ पार्टी जन जो सरकार में रहे हैं, वह भी इससे सहमत होंगे।

A word of caution from congress’ own – on BBC @anilkantony says – “ why let a country which colonised us more than 200 years back use our differences and divide us ? This concerns me …. Am sure many seniors in the party who have been in government will agree with me”

— pallavi ghosh (@_pallavighosh) January 24, 2023

परन्तु ऐसा कहते ही उन पर उन नफरतों की बरसात होने लगी जिससे लड़ने के लिए उन्हीं की पार्टी के राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं और इस यात्रा में वह बार-बार यही कह रहे हैं कि वह नफरतों को मिटा रहे हैं, यहाँ तक कि वह राज्यों की संप्रभुता की बात करते हुए यह तक कह रहे हैं कि क्यों राज्य की बागडोर किसी बाहरी के हाथ में हो, जैसा उन्होंने अभी जम्मू और कश्मीर के विषय में कहा था।

During his alleged Bharat Jodo Yatra, this “Silly Dynast” talks like the true leader of the Breaking Bharat Forces.

Before talking about Outsiders running Jammu and Kashmir, @RahulGandhi should ask himself who was that OUTSIDER who ruled Bharat during 2004 to 2014. pic.twitter.com/xeIelc4UBc

— C T Ravi 🇮🇳 ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) January 25, 2023

जब वह यह कह सकते हैं कि जम्मू और कश्मीर को बाहरी लोग चला रहे हैं अर्थात वह राज्यों की स्वायत्तता तक के लिए इस स्तर पर व्यग्र हैं तो उनकी पार्टी के लोग उस स्वर के विरुद्ध क्यों हुए जो देश की स्वायत्तता की बात कर रहा है?

अनिल के एंटोनी को उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए इस सीमा तक परेशान किया गया और उन पर इतनी नफरतों की बरसात हुई कि उन्होंने कांग्रेस ही छोड़ने का निर्णय ले लिया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और केरल कांग्रेस से अपने सभी दायित्वों से त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने अपनी फेसबुक वाल का हवाला देते हुए लिखा कि जो लोग मोहब्बतें फैला रहे थे, वह उनके प्रति इस हद तक नफरत फैला रहे हैं कि वह इसे अब और सहन नहीं कर पा रहे हैं।

I have resigned from my roles in @incindia @INCKerala.Intolerant calls to retract a tweet,by those fighting for free speech.I refused. @facebook wall of hate/abuses by ones supporting a trek to promote love! Hypocrisy thy name is! Life goes on. Redacted resignation letter below. pic.twitter.com/0i8QpNIoXW

— Anil K Antony (@anilkantony) January 25, 2023

उनकी फेसबुक प्रोफाइल पर उन्हें गाली दी जा रही है और उनसे कहा जा रहा था कि वह पार्टी छोड़ दें।

यह सब उस समय हो रहा है देश अपना गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, अर्थात जब भारत का संविधान लागू हुआ था और जिसमें उसकी संप्रभुता की बात है। जिस समय देश अपनी संप्रभुता का उत्सव मनाने जा रहा है, उस समय देश के सबसे पुराने दल होने का दावा करने वाला दल देश की संप्रभुता की बात करने वाले अपने ही नेता के विरुद्ध शाब्दिक हिंसा को सहन कर रहा है!

हिंसा इस सीमा तक की गयी कि उन्हें दल से त्यागपत्र देना पड़ा, और दुर्भाग्य की बात यही है कि कल जब देश गणतंत्र दिवस मनाएगा तो हर दल संप्रभुता की बात करेगा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करेगा, परन्तु कभी भी यह नहीं बताएगा कि संप्रभुता और स्वतंत्रता उनके लिए मात्र मौखिक शब्द हैं, जिनका उनके दल से कोई लेना देना नहीं है!

(यह स्टोरी हिंदू पोस्ट की है और यहाँ साभार पुनर्प्रकाशित की जा रही है.)

(यह आलेख लेखक के व्यक्तिगत विचारों, दृष्टिकोणों और तर्कों को व्यक्त करता है। कॉलम और लेखों में व्यक्त किये गये विचार किसी भी तरह से टाउन पोस्ट, इसके संपादक की राय या इसकी संपादकीय नीतियों या दृष्टिकोण को इंगित नहीं करते हैं.)

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