हर बार क्रिसमस पर हिन्दुओं के ईसाई बनने के समाचार वायरल होते रहते हैं, परन्तु इस बार क्रिसमस पर यह समाचार आया कि मध्य प्रदेश में दमोह में बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन के लिए पहुंचे लगभग ३०० लोगों ने हिन्दू धर्म में वापसी कर ली।
यह सब वही लोग थे जिन्हें छल से ईसाई बना लिया गया था।
बागेश्वर धाम सरकार की ओर से यह भी उन्हें शपथ खिलाई गयी कि वह अपना धर्म कभी नहीं छोड़ेंगे। यह शपथ दिलाई गयी कि
“आज सभी दमोह में यह संकल्प लेते हैं, आज से हमेशा, जीवन पर्यंत अपने संतों की, सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्राण दे देंगे, परंतु भूलकर भी अन्य धर्म में नहीं जाएंगे। हम श्री हनुमानजी महाराज, रविदास महाराज, मीराबाई, महर्षि वाल्मिकी, गोस्वामी तुलसीदास, जागेश्वर महादेव, बागेश्वर बाला जी, इनके चरणों की सौगंध खाते हैं, हम भूलकर भी कभी दूसरे धर्म में नहीं जाएंगे। हमसे जो गलती हुई है, हमसे जाे भूल हुई है दूसरे धर्म में जाने की।।। प्रभु हमें क्षमा करो, हनुमानजी हमें क्षमा करो, महर्षि वाल्मिकी हमें क्षमा करो, गोस्वामी तुलसीदास हमें क्षमा करो।। सब संतों की जय हो।।। सनातन धर्म की जय हो।।। बागेश्वर धाम की जय हो।।। अब दोनों हाथ मलकर फटकार लगाओ।।। जिससे जो बलाएं लगी हों दूर हो जाएं।“
इस आयोजन में कई लोगों ने अपने अनुभव भी बताए कि कैसे वह ईसाई बन गए थे और कैसे वह लालच में आ गए थे। एक युवक ने बताया कि कैसे वह लोग छोटी छोटी बातों पर ईसाई बनाते थे। जितेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके पिता से लोगों ने कहा कि आपके बच्चे के पैर का इलाज करा देंगे और उनके पैरों में अभी तक बहुत दर्द होता है, लेकिन उन्होंने एक भी रूपए की दवाई नहीं करवाई!
जितेन्द्र कुमार ने कहा कि वे कहते थे, यदि घर पर किसी का देहांत भी हो गया हो तो सबसे पहले आपको चर्च में आकर प्रार्थना करनी है। हम गरीब लोग हैं, कभी काम पर जाने के कारण प्रार्थना करने नहीं जा पाते थे तो वे लोग घर पर आकर डांटते थे। हमें कहते थे पर्चे बांटो।
जितेंद्र बोले वे लोग हिंदू धर्म के बारे में गलत बोलते थे। हमने विरोध भी किया था। कहीं से सपोर्ट नहीं मिलने और उनके पावरफुल होने से हम डर गए। कुछ लोगों ने तो इनकी डुबकी भी ले ली थी। वे अंधविश्वास पाखंड की बातें करते थे। वे घरों में जाकर सभा किया करते थे। अब हम वापस लौटना चाहते हैं।
सनातन धर्म से विमुख हुए लोगो की घर-वापसी…
पूज्य सरकार के श्रीराम कथा दमोह के मंच पर आज एक अकल्पनीय कार्य हुआ…क़रीब २५० लोग जो विदेशी ताकत के साज़िश के तहत धर्मपरिवर्तन कर चुके थे उनकी घर वापसी पूज्य सरकार के सदप्रयास से हुआ…सनातन की अलख जागृति में ये सार्थक पहल है… pic.twitter.com/HG5fzYzDVK— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) December 25, 2022
वहीं जशपुर में भी भाजपा नेता और घर वापसी अभियान में जुटे प्रबल प्रताप जूदेव ने ईसाई बन चुके ५० परिवारों की हिन्दू धर्म में वापसी कराई।
छत्तीसगढ़ के जशपुर में हिंदू संघठनों ने मिलकर कराई पचास परिवारों के सैंकड़ों लोगों की घर वापसी। संगठनों ने कहा “जब तक हर बिछड़े हिंदू की घर वापसी नहीं हो जाती, हम चैन से नहीं बैठेंगे”। pic.twitter.com/7nKBYco6e6
— Anurag Chaddha (@AnuragChaddha) December 26, 2022
जूदेव ने इस दौरान बहुत बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे बिछड़े हिन्दुओं की हम घर वापसी नहीं कराएंगे, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। स्वामी श्रद्धानंद नहीं होते तो भारत का धर्मांतरण हो जाता। उन्होंने अपना जीवन समर्पण कर दिया और हिन्दुओं को एक करने के लिए हमेशा आगे रहे। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि जहाँ जहां हिन्दू घटा है, वहां देश बंटा है। इसलिए हिन्दू बचाना मन्दिर बनाने से भी बड़ा कार्य है क्योंकि हिन्दू ही मंदिर बनाएगा। और उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ““मैं विरोधियों को चुनौती देता हूँ ये धर्मांतरण का घिनौना कार्य बंद कर दो अन्यथा इसका दूरगामी परिणाम विचारणीय होगा।”
(यह स्टोरी हिंदू पोस्ट की है और यहाँ साभार पुनर्प्रकाशित की जा रही है.)