उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नॉएडा से लव जिहाद का एक और मामला आ रहा है, जिसमें हसीन सैफी ने खुद को आशीष चौधरी बताया और दोस्ती की एवं सम्बन्ध बनाए। अब वह सोमवार अर्थात 12 दिसंबर 2022 को कोर्ट मैरिज करने जा रहा था, तो सच्चाई सामने आई और उसे हवालात भेज दिया गया।
जागरण के अनुसार उत्तराखंड में रहने वाली युवती ग्रेटर नॉएडा में एक निजी फैक्ट्री में काम करती हैं। उसी में वह युवक भी नौकरी करता है। दोनों में दोस्ती हुई और उसने अपना नाम आशीष बताया था और बाद में वह लोग एक साथ रहने लगे।
मगर समय के साथ उस युवती को यह पता चला कि वह आशीष नहीं है बल्कि हसीन सैफी है और यह बात उसे शादी के एक दिन पहले पता चली।
मीडिया के अनुसार शुक्रवार को आरोपी के पिता शकील सैफी एस्कॉर्ट कॉलोनी स्थित कमरे में उसे ढूंढते हुए पहुंचे। उस समय युवक और युवती शादी की खरीदारी करने गए थे।
प्यार और रहने की आजादी के नाम पर लड़कियों का शोषण
जब भी ऐसा मामला कोई सामने आता है तो इसी बात पर जोर होता है कि लड़कियों का शोषण नाम बदलकर कर लिया परन्तु एक और वृहद जो मामला और समस्या है, उस पर पात नहीं होती है क्योंकि वह नैतिक मूल्यों से जुड़ा हुआ है और साथ ही वह उन मूल्यों से जुड़ा हुआ है, जो हिन्दू धर्म का आधार हैं। और वह है कथित रूप से बालिगों का अपने मन से अलग रहना।
रहने की आजादी, प्यार करने की आजादी, और अपना जीवन अपने अनुसार जीने की आजादी, यह सब आजादी आखिर किस कीमत पर आ रही हैं, इस पर विचार नहीं हो रहा है।
यह जो रहने की आजादी है, उसके कारण कितनी युवतियां जीवन से हाथ धो रही हैं, क्या इसका अंदाजा भी किसी को है? क्या वह लोग जो इस बात की पैरवी करते हैं कि लड़कियों को 18 वर्ष की आयु के बाद सब कुछ करने की आजादी है, वह इस आजादी के दुष्परिणामों को देख पा रहे हैं?
यह आजादी क्या विभिन्न प्रकार के रोगों को जन्म नहीं दे रही है? क्या यह आजादी श्रद्धाओं को आफताब का शिकार नहीं बना रही है? क्या यह आजादी उन लड़कियों को एक ऐसे जाल में नहीं फंसा रही है जहाँ से बाहर निकलने का कोई मार्ग ही नहीं है?
श्रद्धा आफताब के साथ रहने के लिए आ जाती है और फिर पैंतीस टुकड़ों में कट जाती है, यहाँ पर यह युवती भाग्यशाली थी जो बच गयी। कई युवतियां भाग्यशाली होती हैं, जो मरने से बच जाती हैं, परन्तु उनका पूरा जीवन एक यातना से होकर गुजरता है।
फ़िल्मी सितारों के लिव इन को महिमामंडित करता है मीडिया
कहीं न कहीं, इसमें मीडिया का बहुत बड़ा योगदान रहता है। मीडिया सेलेब्रिटीज के लिव इन में रहने को बहुत ही महिमामंडित करके दिखाता है और एक ऐसे क्रांतिकारी कदम के रूप में दिखाता है कि जैसे यही प्यार के लिए जरूरी है। परन्तु उसके बाद होने वाले दुष्परिणामों के विषय में मौन रहता है। वह छिपा जाता है, सेलेब्रिटीज के मध्य फैला हुआ अवसाद! परन्तु कई मामलों में यह सब कुछ सामने आता है। जैसे दक्षिण की अभिनेत्री दिव्या श्रीधर का मामला सामने आया था, जिसमे वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिवइन में थीं और उन्हें बाद में पता चला था कि वह दरअसल मुस्लिम है
This a serious matter,actress Divya Sridhar was asked to convert to Muslim to get married to her boy friend actor Arnav with whom she was already in live-in. Post marriage she is being tortured & assaulted.
Govt must arrest Arnav,before ppl communalise it calling #lovejihad. https://t.co/0iEASG7060— Vamsi Chandran (@VamsiChandran) October 6, 2022
दिव्या का मामला हाई प्रोफाइल था, तो यह विषय चर्चा में आया था। परन्तु नाम बदलकर धोखा देने तक ही बात रह गयी, लिव इन पर बात नहीं आई!
प्रश्न तो यह उठना ही चाहिए कि बिना कर्तव्य बोध अर्थात बिना इस कर्तव्य बोध के कि परिवार और समाज के प्रति भी लड़की के कुछ कर्तव्य है, इस खोखली आजादी के क्या दुष्परिणाम हो रहे हैं? लड़की दैहिक रूप से तो क्षति पा ही रही है, साथ ही वह उन धार्मिक मूल्यों से भी कहीं न कहीं विमुख हो रही है।
लिव इन वैध है, आजादी की बात है परन्तु आजादी के साथ कर्तव्यबोध की भी बात हो!
(यह स्टोरी हिंदू पोस्ट की है और यहाँ साभार पुनर्प्रकाशित की जा रही है.)