हर बात में इस्लामोफोबिया की बात करने वाले लोग इस बार फिर से एक बार नए कुतर्क के साथ आए हैं। फुटबाल विश्वकप में मोरक्को की टीम ने बड़ा उलटफेर करते हुए पुर्तगाल को हरा दिया है और सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। किसी भी देश के किसी भी स्पर्धा में पहुँचने पर हर्ष की स्वाभाविक प्रतिक्रिया होनी चाहिए, परन्तु मोरक्को के सेमीफाइनल में प्रवेश को लेकर एक अजीब ही कुतर्क आरम्भ हो गया है।
मोरक्को की जीत को “इस्लाम” की जीत बताकर प्रस्तुत किया जाने लगा है और साथ ही फ्रांस में मोरक्को के शरणार्थियों ने दंगे करने आरम्भ कर दिए हैं। पूरे विश्व में इस्लामी कट्टरपंथ फैलाने वाले लोगों ने ट्विटर पर ही उन्माद फैलाना आरम्भ कर दिया है। मोरक्को एक इस्लामी देश है, जहाँ पर 98% जनसँख्या मुस्लिम है और यही कारण है कि मोरक्को की जीत को इस्लाम की जीत बताना आरम्भ कर दिया है।
Morocco🇲🇦 is a Muslim nation.
98% of the population practice Islam, and the players drop down in prayer after goals & victory.This is a victory for 2 Billion Muslims globally.
— Khaled Beydoun (@KhaledBeydoun) December 10, 2022
खालेद के अलावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी मोरक्को की जीत को इस्लाम की जीत बताकर गदगद हैं। इमरान खान ने मोरक्को की टीम की पहचान को अरब जगत से जोड़कर ट्वीट किया कि यह पहली बार हो रहा है कि एक अरब, अफ्रीकी और मुस्लिम टीम फीफा विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुँची है।
Congratulations to Morocco on their victory over Portugal to reach the Football World Cup semi finals. First time an Arab, African & a Muslim team has reached a FIFA World Cup semi final. Wishing them success in the semi final & beyond.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) December 11, 2022
मोरक्को की जीत को फिलिस्तीन की जीत बता दिया गया। और यह कहा गया कि इसने मुस्लिमों को गर्व से भर दिया
Yesssss!
MashaAllah Morocco making Africa proud! Making Palestine proud! Making Muslims proud! Making us all proud!
Al hamdulilah!
🇲🇦 🇵🇸 pic.twitter.com/X0BRf36KXu
— Dr. Omar Suleiman (@omarsuleiman504) December 10, 2022
मोरक्को ने स्पेन के खिलाफ जीत का जश्न फिलिस्तीनी झंडे के साथ मनाया
Morocco celebrates their victory by raising the Palestinian flag 🇵🇸. Palestine has been the winner in this World Cup. Arab regimes can pursue normalisation, but the people of the Arab world will have the final say. Congratulations Morocco for your victory and principled stance 🇲🇦 pic.twitter.com/eTrNQWhelB
— Amro Ali (@_amroali) December 6, 2022
मोरक्को की जीत को पूरी तरह से इस्लामी जीत के रूप में परिवर्तित कर दिया है।
The Moroccan miracle continues!
This is what the World Cup is all about!
Morocco have brought joy to, and lit up the hearts of Africans, Arabs, and Muslims all around the world. pic.twitter.com/drlbdd6dyD
— Fatih Seferagic (@FatihSeferagic) December 10, 2022
इस बात को लेकर मुस्लिम जगत को स्वयं से प्रश्न पूछना चाहिए कि कैसे वह खेलों को मजहबी प्रतिस्पर्धा का अखाड़ा बना रहे हैं। चूंकि फ्रांस का दृष्टिकोण इस्लामी कुरीतियों को लेकर थोडा कड़ा रहा है, तो अब फ्रांस के साथ मोरक्को के मैच को इस्लाम बनाम फ़्रांस किया जा रहा है। इसे कहा जा रहा है कि यह व्यक्तिगत है।
France vs Morocco is going to be PERSONAL
— Rowaida Abdelaziz (@Rowaida_Abdel) December 10, 2022
और ट्विटर पर तो फ्रांस को लेकर एक लड़ाई आरम्भ हो ही चुकी है, वहीं जमीन पर भी फ्रांस में दंगे भड़क गए हैं। मोरक्को से आए शरणार्थियों ने अपने देश की जीत का जश्न मनाते हुए पेरिस में दंगे शुरू कर दिए। उन्होंने पुलिस ट्रक्स पर आग के गोले दागे!
More Morrocan Enrichment in Paris
Migrants fire mortars on Police trucks parked on the Champs Elysees
Migrants, after a victory for the country they came from, devastate the country that welcomes them
At what point will the West wake up!? How do we benefit from these criminals pic.twitter.com/vaeOJnXkSw
— Amy Mek (@AmyMek) December 11, 2022
यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस देश से वह आए हैं, कथित रूप से शोषण आदि के बहाने दूसरे देश में शरण लेने के लिए, वह उस देश को जला रहे हैं, जिसने उन्हें शरण दी! एक्टिविस्ट एवं स्वतंत्र पत्रकार एमी मेक ने प्रश्न भी किया कि आखिर पश्चिम कब जागेगा?
जरा सोचिये कि जब यह सब हो रहा होगा तो वह उस देश के नागरिक कैसा अनुभव कर रहे होंगे, जिन्होनें शरण दी थी। उन्होंने सड़कें घेर लीं और पुलिस पर हमले शुरू कर दिए
एमी मेक ने एक और वीडियो साझा करते हुए कहा कि फ्रांस में न जाने कितने मोरक्को से आए शरणार्थियों ने सड़कों पर अपनी टीम की जीत का जश्न मनाया और न जाने कितनी कारें जलाई गईं, स्टोर लुटे गए या फिर पुलिस पर हमला हुआ
Meanwhile, in Morocco
Just kidding, this is Paris, one of the many cities in France where human tides of Moroccan migrants have seized the streets to celebrate their team reaching the World Cup semifinals
How many cars will be burned, stores looted, or Police attacked this week pic.twitter.com/J6cDYGUFzd
— Amy Mek (@AmyMek) December 10, 2022
हालांकि शशांक शेखर झा ने जो ट्वीट किया था उसके उत्तर में एक यूजर ने वह तस्वीर ट्वीट की, जिसमें शरणार्थियों का स्वागत करते दिखाया जा रहा था
भारत ने इस्लामिक आतंकवाद का जो विष इतने वर्षों तक सहा है और जिसे यूरोप ने ही इस्लामोफोबिया के नाम पर फैलाया है और यूरोप ने ही उसे खादपानी दिया है, वह विष अब यूरोप में जाकर यूरोप को ही प्रभावित कर रहा है। और इतना ही नहीं अब यूरोप के हर देश को अपनी जिद्द पर चलाना चाहते हैं। यदि फ्रांस हिजाब को प्रतिबंधित करता है तो, वह भी उन्हें मंजूर नहीं है, जबकि इस्लामिक देशों में अल्पसंख्यकों को जिंदा रहने तक का अधिकार कठिनाई से ही मिल पाता है।
पाकिस्तान में आए दिन हिन्दू लड़कियों के अपहरण होते हैं, आए दिन जबरन धर्मांतरण होते हैं, मगर तब यह आवाज किसी की नहीं आती कि अमुक इस्लामिक देश अपने देश के अल्पसंख्यकों का ध्यान रखें।
खालेद बेयदौं ने ट्वीट किया कि
प्रिय फ्रांस चलो एक शर्त लगाते हैं। अगर मोरक्को तुम्हें विश्वकप के सेमी फाइनल में हरा देता है तो तुम्हें हिजाब पर से प्रतिबन्ध हटाना होगा और हर इस्लामोफोबिया को हटाना होगा।
Dear France 🇫🇷 ,
Let’s make a bet.
If Morocco 🇲🇦 beats you in the #WorldCup semifinal, you have to: 1) Revoke the Hijab Ban and 2) cease all that Islamophobia.
What do you say, Macron?
Signed,
2 Billion Moroccan fans/xx
— Khaled Beydoun (@KhaledBeydoun) December 11, 2022
मोरक्को की जीत को केवल और केवल उम्मा की जीत ही बताकर लोग जश्न मना रहे हैं।
So bitter sweet. Love Ronaldo and can’t believe he won’t ever win a World Cup, but gotta support the Ummah. Alhamdulilah for Morocco’s win 🇲🇦
— Tallie Dar (@talliedar) December 10, 2022
पकिस्तान से भी लोग उम्मा की जीत का जश्न मना रहे हैं, जबकि देखा जाए तो पाकिस्तान के लिए खुश होने वाली कोई बात नहीं है, फिर भी पाकिस्तान से लेकर शेष मुस्लिम देश इस बात का जश्न मना रहे हैं कि एक मुस्लिम देश विश्व कप में सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुका है।
जब भारत को पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने मैच में पराजित किया था तो भी पाठकों को स्मरण होगा कि कैसे इसे पाकिस्तान द्वारा इस्लाम की जीत बताया गया था और मैदान में नमाज पढने को ग्लोरिफाई किया जाने लगा था।
मजहब के प्रति पहले लॉबी द्वारा उन्माद तैयार किया जाता है और जब इसका विरोध होता है तो उसे इस्लामोफोबिया कहकर शोर मचाया जाता है और उस शोर में तमाम वह दंगे और अपराध गुम हो जाते हैं, जो उन्मादियों का एक बड़ा वर्ग अपने देश में अल्पसंख्यकों एवं खुद को शरण देने वाले देशों के साथ करता है।
(यह स्टोरी हिंदू पोस्ट की है और यहाँ साभार पुनर्प्रकाशित की जा रही है.)