तालिबान ने अब जजों से कहा कि इस्लामी क़ानून को पूरी तरह से लागू किया जाए

सोनाली मिश्रा

जब से तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता सम्हाली है, उसके बाद से ही कट्टरता का दौर चालू हो गया था। इतने दिनों के बाद अब एक बार फिर से ऐसा समाचार आया है, जो कट्टरता में एक और कड़ी है। तालिबान के नेता हेबतुल्ला ने जजों को यह आदेश दिया है कि कई अपराधों में जैसे डकैती, अपहरण एवं यौन शोषण के लिए इस्लामिक शरिया क़ानून के अनुसार ही दंड दिया जाएगा।

यह निर्देश आते ही लोगों के दिल में एक बार फिर से उन्हीं दिनों की यादें ताजा हो गयी हैं जब 90 के दशक में तालिबान ऐसा दंड देते थे।

पिछले वर्ष जब तालिबान ने सत्ता सम्हाली थी, तब ऐसा कहा गया था कि वह उदारवादी दृष्टिकोण अपनाएंगे और यह कहा गया था कि वह महिलाओं के लिए उदार दृष्टि अपनाएँगे और वह पहले वाले तालिबान नहीं हैं। मगर अब वह फिर से उसी तरीके से सामने आ गए हैं।

मीडिया के अनुसार तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि हेबतुल्ला से जजों के साथ मीटिंग के बाद निर्देश दिए हैं।

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि

न्यायाधीशों की बैठक में अलीकदर अमीरुल मोमिनीन ने कहा कि चोरों, अपहरणकर्ताओं और देशद्रोहियों के मामलों की जांच करें। इन सभी मामलों की जांच शरिया के अनुसार हो और आपको शरिया के अनुसार ही सीमाएं तय करनी है,  क्योंकि यह शरीयत और मेरा आदेश है और यह कार्य करना अनिवार्य है

यह बहुत ही हैरान करने वाला मामला इसलिए है क्योंकि जब तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्ज़ा किया था, उसके बाद से ही भारत का लिबरल वर्ग इस बात को लेकर प्रसन्नता व्यक्त कर रहा था कि अमेरिका गया और मूल लोग सत्ता में आए!

भारत का मीडिया जैसे खुशी से पागल हो गया था और अफगानिस्तान में तालिबान को सबसे उदार शासक बताने की जिसे होड़ लग गयी थी, जब उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की थी। मगर उसके बाद जिस प्रकार से लड़कियों एवं कलाकारों तथा उदार आवाजों के साथ अत्याचार हुए, उनके विषय में चुप्पी छा गयी। जैसे जैसे समय बढ़ता गया, महिलाओं और मुट्ठी भर सिखों एवं उंगली पर गिने जाने वाले हिन्दुओं के साथ अत्याचार बढ़ते गए।

गुरुद्वारे में विस्फोट हुए, मगर भारत में लोग शांत रहे! जो लॉबी इस बात पर प्रसन्न थी कि कम से कम तालिबान प्रेस कांफ्रेंस तो कर रहे हैं, वह लॉबी इस विषय में एकदम मौन थी कि आखिर तालिबान अपने ही नागरिकों के साथ क्या कर रहा है?

अब फिर से वहां पर महिलाओं को कोड़े से मारने की सजा चालू हो गयी हैं, एक वीडियो तेजी से ट्विटर पर वायरल है, जिसमें एक महिला को कोड़ों से मारा जा रहा है:

Show this video to the world and let them watch it without hesitation.

Let them know that the Taliban are not expedient and you wrote this shame in history by bringing the Taliban.

If weforget, history will not forget this injustice

Your children will curse you in the future. pic.twitter.com/wZ15qhprdM

— Hoda khamosh _هداخموش (@HodaKhamosh) November 21, 2022

एक और वीडियो शबनम नासिमी ने साझा किया है जिसमें एक महिला को सड़क पर मारते हुए दिखाया जा रहा है

Imagine not being allowed to work, to go to school, to travel alone without a male relative, to go to the gym & park, to be in public without a burqa or face veil, to have a voice…

This is what life is like for a woman in Taliban-ruled Afghanistan.pic.twitter.com/YVHT28rknx

— Shabnam Nasimi (@NasimiShabnam) November 16, 2022

शबनम नासिमी ने एक और वीडियो साझा किया है। वह वीडियो भारत में बैठी उन सभी औरतों को जरूर देखना चाहिए जो तालिबानियों का समर्थन केवल इसलिए कर रही थीं और कर रही हैं क्योंकि वह उनके हिसाब से नरेंद्र मोदी को और हिन्दुओं को पराजित कर सकते हैं।

वह नरेंद्र मोदी और भाजपा का विरोध करने के लिए इस हद तक नीचे चली गयी हैं कि अब वह उस तालिबान का भी विरोध नहीं कर रही हैं जो छोटी छोटी बच्चियों को स्कूल तक नहीं जाने दे रहा है। लगभग पांच सौ दिन हो गए हैं और बच्चियों के लिए स्कूल नहीं खुल पाया है। और इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे तालिबानी लड़कियों के खाली स्कूल में खेल रहे हैं, हंस रहे हैं!

429 days since Taliban banned young girls from receiving an education. And this is the Taliban playing & laughing inside an empty girls school.

Afghanistan is the ONLY country in the world where girls aren’t allowed to go to school. How can we accept this?pic.twitter.com/OamaJuQnPC

— Shabnam Nasimi (@NasimiShabnam) November 22, 2022

उन्होंने एक महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली जैनब राहिमी का भी वीडियो साझा किया जिन्हें तालिबान ने 5 नवम्बर के लगभग अगवा कर लिया था।

This Zainab Rahimi. She is a women’s rights protester in Afghanistan & was abducted by Taliban 10 days ago.

She recorded this message to the women of Iran from Kabul – “Don’t ever give in to oppression & tyranny. You are close to victory.” pic.twitter.com/e4k0q1BM69

— Shabnam Nasimi (@NasimiShabnam) November 15, 2022

वैश्विक बहनापे का राग गाने वाली और युक्रेन के राष्ट्रपति तक का समचार रखने वाली इन मुद्दों पर मौन हैं

भारत की हिन्दी पट्टी की फेमिनिस्ट जो इतनी मुखर और जागरूक हैं कि उन्हें युक्रेन के राष्ट्रपति एवं पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री का समर्थन करते हुए देखा जा सकता है, वह खुलकर अपने उन वैश्विक नेताओं के साथ खड़ी होती हैं, जो उनके वामपंथी एजेंडे के साथ होते हैं। वह ऋषि सुनक का विरोध करती हैं, वह एलन मस्क के विरोध में आ जाती हैं, मगर वह लोग अफगानिस्तान में अपनी बिरादरी के साथ हो रहे अत्याचारों पर एकदम मौन हैं!

और जब तालिबान ने जजों के साथ मिलकर शरिया के अनुसार मामले हल करने के लिए कहा है तो आम लोगों में डर तो है ही, परन्तु भारत की वह पूरी की पूरी लॉबी एकदम शांत है, जो तालिबान के सत्ता सम्हालते समय यह कह रही थी कि “वह नए विचारों वाले हो सकते हैं!”

यहाँ तक कि यह लॉबी उस समय भी चुप रही थी जब एंकर्स के लिए बुर्का अनिवार्य कर दिया था!

चुनिन्दा चुप्पियों का दौर है साहब,

यहाँ प्रोग्रेसिव ही सबसे अधिक पिछड़े होते हैं!

(यह स्टोरी हिंदू पोस्ट की है और यहाँ साभार पुनर्प्रकाशित की जा रही है.)

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