श्रद्धा को जिस तरीके से मारा गया है, उसने पूरे देश को एक ऐसा झटका दे दिया हैं जिससे उबरने में अभी समय लगेगा या फिर कभी इससे उबरा भी नहीं जा सकेगा। मगर फिर भी ऐसा बहुत कुछ हो रहा है, जिसे न ही सभ्य कहा जा सकता है और न ही उसकी कल्पना भी की जा सकती है। आफताब और सूफियान तो चर्चा में आ गए, मगर मध्यप्रदेश के इंदौर का अकरम चीना और उसका काम चर्चा में नहीं आ पाया।
क्या आफताब और सूफियान तक ही यह कहानी है? क्या शिकारी केवल और केवल आफताब और सूफियान है? क्या विवाह इस बात की गारंटी है कि महिलाओं को निशाना नहीं बनाया जाएगा? कुछ तो ऐसा होगा जो यह बताएगा कि हाँ इसके बाद हिन्दू महिला सुरक्षित है? क्या यह कहा जाएगा कि उम्र के इस पड़ाव के बाद हिन्दू महिला को कुछ नहीं होगा? या फिर उनका उपहास नहीं उड़ाया जाएगा?
यह देखना बहुत ही हृदय विदारक है कि श्रद्धा का उपहास उड़ाने के लिए भी औरतें ही आगे आ रही हैं और वह उस मजहब की औरतें दिख रही हैं, श्रद्धा जिसका आदर करती थी। आखिर वह मानसिकता कैसी है जो मरने के बाद भी इस हद तक घृणा उस श्रद्धा के लिए दिखा रही है, जिसने अपना धर्म, अपना परिवार तक आफताब के लिए छोड़ दिया?
कुछ फेसबुक यूजर्स ने श्रद्धा बीफ बर्गर तक का नाम दे दिया:
किसी सईदा फातिमा ने पेज बनाया और उसे नाम दिया “अफताब पूनावाला फ्रिज पोस्टिंग” और उसमें तरह तरह के ऐसे मीम दिखाए गए, जिन्हें देखना किसी सदमे से कम नहीं है। वह उस घृणा को पूरी तरह से दिखा रही है, जो उनके दिल में हिन्दुओं के प्रति भरी है।
कोई कह रहा है, आजा तुझे फ्रिज की ठण्ड में ले चलूँ, रेफ्रिजरेटर को उसकी औकात दिखानी है
तो कोई लिख रहा है कि कौन सा फ्रिज लूं, जिसमें बॉडी फिट हो जाए
सैयदा फातिमा लिखती है कि ब्रांड न्यू फ्रिज, कम दाम पर उपलब्ध हैं
यह घृणा का स्तर है! मगर इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले जो मध्यप्रदेश में इंदौर में हुआ, वह भी उतना ही घिनौना था, जितना घिनौना आफताब का यह कृत्य!
क्या हुआ था इंदौर में?
आखिर इंदौर में हुआ क्या था? मीडिया के अनुसार इंदौर के खजराना क्षेत्र में एक हिस्ट्रीशीटर अकरम उर्फ़ चीमा को एक हिन्दू महिला के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। मगर यह अपहरण तक ही सीमित नहीं था। यह और भी आगे और घिनौनी घटना थी। उसने एक विवाहिता को फुसला कर फंसाया ही नहीं था, बल्कि उसने अपने दोस्तों को वीडियो भी किया था कि, जिसमें उसने कहा था कि “भाई लोग मैंने शादी कर ली है, सभी को पर्सनल में एक-एक कर दूंगा दावत!”
Madhya Pradesh: History sheeter Mohammad Akram trapped a hindu woman & married.
Later, Akram uploaded a story with a quote on Social media showing H woman, which reads
“Bro, I have got married, I will make everyone a feast in personal, I am speaking in codeword, understand”
+ pic.twitter.com/KgjV7vfOxC— Ashwini Shrivastava (@AshwiniSahaya) November 14, 2022
उसने कहा था कि कोडवर्ड में बोल रहा हूँ, समझ जाना भाई लोग!
यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस घटना में जहाँ एक ओर वह फेमिनिज्म है जो पति के अलावा प्यार करने को कूल बताता है और जो यह कहता है कि पति के बाहर भी यौन सम्बन्धों का जीवन है, और पति को शोषण करने वाला बताता है, और दूसरी ओर वह पति है, जो यह जानते हुए भी कि उसकी पत्नी उसे छोड़कर किसी हिस्ट्री शीटर के साथ चली गयी है, वीडियो देखकर परेशान होता है और अपनी पत्नी को उस हिस्ट्री शीटर के चंगुल से बचाने के लिए पुलिस के पास पहुँचता है!
ऐसे में उस पति का पक्ष क्या होगा, जो अपनी उस पत्नी की रक्षा के लिए पुलिस के पास पहुंचा था, जो उसे और अपने बच्चों को छोड़कर चली गयी थी। संभवतया यही वह प्रेम है, जिसे समझने में फेमिनिज्म विफल रहता है।
मीडिया के अनुसार बाणगंगा थाना क्षेत्र निवासी प्लंबर की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। उस व्यक्ति ने नौ वर्ष पहले गणेश मंदिर में प्रेम विवाह किया था।
प्रेम विवाह करने वाली उसकी पत्नी नौ वर्ष के बाद इन्स्टाग्राम पर अकरम से चैट करने लगी और उसके जाल में फंस गयी। २७ अक्टूबर को वह घर से भाग गयी और तब उसके बेचारे पति को पता चला कि उसकी पत्नी तो दरअसल अकरम से चैट करती थी। और अकरम उसके बेटे और पत्नी दोनों को लेकर फरार हो गया है।
हिन्दू विवाहिता के गायब होने से ही हिंदूवादी संगठन सक्रिय हुए और फिर उस महिला के पति ने वह वीडियो सौंपा जिसमें वह दावत की बात कर रहा था।
यही प्रेम है और यही प्रेम से उपजी चिंता है, जिसे फेमिनिस्ट समझने में विफल रहते हैं। यही फेमिनिज्म है जो गुंडों को मसीहा मानता है और महिलाएं सब कुछ होते हुए भी इस में फंस जाती हैं। इसके बाद पता चला कि अकरम पर २२ मामले दर्ज हैं!
पुलिस एवं पति की सक्रियता से महिला और बच्चा सकुशल बरामद हो गया था।
प्रश्न यही उठता है कि घर तोड़ने वाला फेमिनिज्म अंतत: हिन्दू महिलाओं को देता क्या है? दैहिक शोषण, मृत्यु और मृत्यु के उपरान्त भी उपहास, जैसा श्रद्धा के साथ हो रहा है!
(यह स्टोरी हिंदू पोस्ट का है और यहाँ साभार पुनर्प्रकाशित किया जा रहा है। )