कहा जाता है कि अली ने तीन फिल्मों का निर्देशन किया है, परन्तु तीनों में से एक भी रिलीज नहीं हुई है। उसकी दो फिल्मों पर नजर डालने से यह प्रतीत होता है कि “जिगोला” और “बाइनरी” क्राइम थ्रिलर लगती हैं। जिगोला के नाम से ही यह लगता है कि यह जैसे पुरुष वैश्या की कहानी है। फिल्मों या सीरीयल्स आदि के नाम की घोषणा जैसी हरकतें किशोरियों, युवतियों और बच्चियों को अपने जाल में फंसाने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
घटना की पीड़ित किशोरी कोइलैंडी की रहने वाली है और उसके लापता होने के बाद उसके माता-पिता ने पुलिस से संपर्क किया। अपहरण से तीन दिन पहले अली की कार आसपास के इलाके में देखी गई थी। जैसे ही यह सूचना पुलिस को मिली तो उन्होंने अपनी जांच शुरू की।
इस बीच, आरोपी और पीड़िता कई दिनों से फरार चल रहे थे और बार-बार यह प्रयास कर रहे थे कि उनकी छिपने की जगह न पता चले और एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहे थे। जैसे ही पुलिस को यह समाचार मिला कि वह किशोरी एवं ग्रूमिंग जिहादी केरल-कर्नाटक सीमा के पास गुंडलुपेट में छिपे हुए हैं, वैसे ही कोयिलैंडी सर्कल इंस्पेक्टर एन सुनील कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम वहां पहुंची। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही वे फरार हो गए। पुलिस ने उस होटल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जहां वे रुके थे और यह पुष्टि की कि वे दोनों वहीं ठहरे थे।
पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए अपराधियों ने कथित तौर पर गाड़ी की नंबर प्लेट बदल दी। उन्होंने फर्जी पते का इस्तेमाल कर एक लॉज में कमरा बुक कर लिया। फरार होने के दौरान ग्रूमिंग जिहादियों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। साइबर सेल की मदद से आगे की विस्तृत जांच में पता चला कि आरोपी मैसूर और वहां से बेंगलुरु भाग गए थे।
आरोपियों को कोयिलैंडी लाया गया और अदालत में पेश किया गया। वह किशोरी कथित तौर पर फिल्मों की दीवानी है और इसका फायदा जसिक अली ने उठाया।
सालिह ने एक किशोरी को ग्रूम किया, बलात्कार किया और बंगलुरु भाग गया
वहीं एक अन्य मामले में प्यार का झांसा देकर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर फरार 23 वर्षीय सालिह को गिरफ्तार कर लिया गया है। संदिग्ध ग्रूमिंग जिहादी ओलावन्ना, कोझीकोड का रहने वाला है। यह पता चलने के बाद कि उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, सालिह ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया और बेंगलुरु भाग गया, जहां वह कई जगहों पर छिप गया।
पीड़िता की मां ने स्थानीय पुलिस से बार बार संपर्क किया, अनुरोध किया, परन्तु पुलिस ने कोई ख़ास कदम नहीं उठाया। इससे क्षुब्ध होकर उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया। इसके बाद, कोझीकोड जिला पुलिस आयुक्त श्रीनिवास आईपीएस के नेतृत्व में एक विशेष दस्ते द्वारा की गई जांच में आरोपी को पकड़ लिया गया।
जब सालिह को पता चला कि पुलिस उसका पीछा कर रही है, तो वह कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर बेंगलुरु के बाहरी इलाके में होसुर के पास एक जगह पर चला गया। उनके स्थानीय दोस्तों ने उनकी मदद की। जांचकर्ताओं ने सालिह के छिपने की जगह का पता लगाया, लेकिन फिर वह केरल में चला गया। सालिह कोझीकोड लौट आया और विभिन्न स्थानों पर रहा।
पुलिस अधिकारियों ने भेष बदलकर आखिरकार आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में पुलिस को उसके उन दोस्तों के बारे में जानकारी मिली जिन्होंने उसे छिपने में मदद की। अधिकारियों ने बताया कि उनका भी पता लगाया जाएगा और सजा दी जाएगी।
अराफात ने किशोरी को ग्रूम किया, बलात्कार किया और फिर उसे दूसरे लोगों को बेच दिया
कासरगोड से 17 साल की बच्ची के साथ बलात्कार करके उसे कई अन्य लोगों को बेचने वाले दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। मलप्पुरम के नेल्लिकाता के मूल निवासी अराफात और मलप्पुरम के मूल निवासी मुहम्मद शफीक को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि अराफात ने नाबालिग को ग्रूम किया अर्थात फंसाया और शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
अराफात ने फिर उस युवती को शफीक के साथ साझा किया और कई लोगों ने फिर उसका बलात्कार किया। पुलिस ने घटना में 13 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। नाबालिग लड़की जुलाई में लापता हो गई थी, लेकिन वह घर लौट आई थी, हालांकि कासरगोड में विद्यानगर पुलिस ने उसके घरवालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और पुलिस ने जाँच भी की थी।
घटना का पता तब चला जब लड़की ने अपने परिजनों को अपनी आपबीती के बारे में बताया। पुलिस ने कहा कि लड़की को कासरगोड, एर्नाकुलम और कोझीकोड में लॉज में ले जाया गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया गया और अन्य आरोपियों को सेक्स के लिए बेच दिया गया।
इस घटना में सबसे दिल दहलाने वाला तथ्य यही है कि केरल में अब इंग्लैंड में ग्रूमिंग गैंग जैसा एक पैटर्न विकसित हो रहा है। कम उम्र की ‘काफिर’ लड़कियों के बलात्कार को इतने लंबे समय तक ढील देने और कुछ न करने वाले राजनेता अब हो चुके नुकसान की भरपाई के लिए भाषण दे रहे हैं। पिनाराई विजयन, जो गृह मंत्रालय भी देखते हैं, वह अब पुराने ग्रूमिंग जिहाद मामलों को सुलझाना चाहते हैं। जिन पुलिस वालों के हाथ पहले बंधे हुए थे, उनसे यह अपेक्षा की जा रही है कि वह मामलों पर कदम बढ़ाएंगे।
मजे की बात यही है कि ग्रूमिंग जिहादियों को मुस्लिम लड़कियों से कभी भी ‘प्यार’ नहीं होता है, और ऐसे बलात्कारियों के पास ऐसे कई दोस्त होते हैं, जो उनके लिए रुकने और टिकने वाले ठिकाने खोजते हैं। ऐसे अधिकांश अपराधी केरल से अपराध करके बंगलुरु भाग जाते हैं।
(यह स्टोरी हिंदू पोस्ट का है और यहाँ साभार पुनर्प्रकाशित किया जा रहा है। )