कांतारा एक कन्नड़ फिल्म है। पर, इसके डब किये गये हिंदी संस्करण को भी उत्तर एवं पूर्वी भारत के दर्शकों ने हाथोंहाथ लिया है। क्या वजह है इसकी?
कांतारा फिल्म को अधिकांश समीक्षकों ने जमकर सराहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबार ने भी इसे फोर स्टार की रेटिंग दी है। केवल कुछ घोषित वामपंथी पोर्टलों की बात छोड़ दी जाए, तो शायद ही कोई ऐसा समीक्षक होगा, जिसने इस कन्नड़ फिल्म की सराहना न की है।
यदि 16 करोड़ के मामूली बजट पर बनी एक कन्नड़ फिल्म, जिसे पहले अन्य भाषाओं में डब भी नहीं किया गया था, केवल दर्शकों की सराहना की वजह से पूरे भारत में हिट हो जा सकती है, तो आखिर क्या वजह है कि मुंबई फिल्म नगरी के मंजे हुए फिल्मकारों को फिल्म हिट होने का फार्मूला अब समझ ही नहीं आ रहा है। कहाँ गलती हो जा रही है।
पिछले एक वर्ष से यदि हिट फिल्मों की बात की जाए तो उनमें शामिल है कश्मीर फाइल्स, आरआरआर, कार्तिकेय 2 और अब कांतारा।

क्या बॉलीवुड के फिल्मकारों को इन फिल्मों के नामों से कोई संदेश नहीं मिलता?
खासकर यह संदेश कि लोगों ने अपनी विरासत, अपनी संस्कृति का मजाक उड़ानेवालों को सहना छोड़ दिया है?
कांतारा फिल्म के हिट होने और बॉलीवुड के बादशाहों की अकड़ ढीली न पड़ने के कारणों का अचूक विश्लेषण करता है एकेटीके यानी आज की ताजा खबर का वीडियो रिव्यू।
इस रिव्यू में कई महत्वपूर्ण मसलों पर बेबाकी से चर्चा की गयी है।
हम यह अनुशंसा करते हैं कि आप इस वीडियो रिव्यू को अवश्य देखें और फिर यह निर्णय करें कि आपको कांतारा फिल्म देखनी चाहिए या नहीं।
आज की ताजा खबर एकेटीके वीडियो चैनेल पर कांतारा फिल्म की रोचक समीक्षा।