अग्निवीर योजना में युवाओं की रुचि देश की तीनों सेनाओं के लिए काफी उत्साहवर्द्धक होगी। शुरुआती संदेहों के बावजूद युवाओं ने सारी शंकाओं को त्यागते हुए अग्निवीर के लिए आवेदन करने में काफी रुचि दिखायी है, और यही इस योजना की सबसे बड़ी सफलता है।
जमशेदपुर में अग्निवीर योजना के आवेदकों के बीच चरित्र प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आपाधापी देखी गयी। यह काफी अच्छा संकेत है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हाल के वर्षों में सैन्य सुरक्षा संतुलन में काफी परिवर्तन आया है। पुराने अंदाज की रणनीति नयी परिस्थितियों में भी कारगर होगी यह मानकर चलना एक बड़ी भूल होगी।
यह संतोषजनक बात है कि भारतीय सेना नयी परिस्थितियों के अनुसार नयी रणनीति तय करने की जरूरत को समझ रही है।

अग्निवीर योजना काफी सोच-समझकर बनायी गयी है। हर अच्छी नीति का विरोध हमारे देश में एक आम बात है। एक वर्ग ऐसा बन गया है, जिसका काम ही है सरकार और व्यवस्था की हर पहल का आँख मूँदकर विरोध करना, भले ही वह देश और जनता के हित में ही क्यों न हो।
अग्निवीर स्कीम युवाओं को रोजगार भी देगा और उन्हें नये कौशल सीखने का अवसर भी देगा।
यह सच है कि भारतीय सेना कोई रोजगार देनेवाली संस्था नहीं है। उसका पहला और प्राथमिक दायित्व है देश की सुरक्षा करना।
अग्निवीर योजना न केवल भारतीय सेना के लिए एक उपयोगी संसाधन साबित होगी, बल्कि उन युवाओं के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होगी, जो अपने कैरियर को और बेहतर बनाने के लिए अवसर की तलाश कर रहे हैं।
समय के साथ निश्चित रूप से इस योजना में और सुधार तथा वांछित परिवर्तन होंगे। यह योजना कितनी प्रभावी है, यह अगले 2-3 वर्षों में ही स्पष्ट हो जाएगा। लेकिन इस योजना का विरोध जो लोग और शक्तियाँ कर रही हैं, उन्हें देखकर प्रथम द्रष्टया ही यह स्पष्ट हो जाता है कि यह निश्चित रूप से देश के लिए हितकर ही होगा। युवाओं को छोड़कर, क्योंकि युवाओं का विरोध शंकाओं और सूचना के अभाव से उत्पन्न हुआ था। शंकाएँ दूर हुई और उनका विरोध भी खत्म हो गया।