भोजपुरी, मगही और अंगिका को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से बाहर करने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना, पुतले जलाये गये
जमशेदपुर : झारखंड सरकार की भाषा नीति और भोजपुरी, मगही और अंगिका को कई जिलों में क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से बाहर करने के उसके फैसले की विभिन्न भाषाई समुदायों के साथ-साथ राजनीतिक संगठनों ने भी कड़ी आलोचना की है.
झारखंड में हेमंत सरकार की भाषा नीति का विरोध करने के लिए कई विपक्षी नेता और राजनीतिक और सामाजिक संगठन भी सड़कों पर उतर आए हैं.
रविवार को योगी यूथ ब्रिगेड ने जमशेदपुर के साकची चौराहे पर भोजपुरी, मगही और अंगिका को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हटाने के लिए राज्य सरकार का विरोध किया एवं राज्य सरकार तथा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पुतले जलाये.
ब्रिगेड के सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार एक बड़ी साजिश के तहत भोजपुरी, मगही और अंगिका को राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से बाहर कर रही है.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो सरकार और उसके मंत्रियों के साथ-साथ सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों का विरोध भी जारी रहेगा.